जिंदगी हरपल एक समान नहीं होती है.....
वह अपनी गति के अनुसार अपनी परिभाषा भी बदल देती है.....
बचपन में विकास होता है
युवावस्था में उत्थान होता है
बुढ़ापे में पतन होने लगता है...
पर खुश व सफल वही होता है,
जो हर हाल में संयमित रहता है।
रेणुका श्रीवास्तव
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