देश के वीर जवान (कविता)

देश चैन से जब सोता है,
खुशियों के मद में डूबा रहता है।
वीर जवान तब सीमा पर,
जागता और सजग रहता है।

अपने सरहद की रखवाली में वह,
जी जान से भी जुटा रहता है।
तभी तो वीर जवानों की कुर्बानी,
हम दिल में आज बसाये है।

उनके कामों से सीना, जब गर्व से उछलता है,
आँखें तब भी आँसूओं से, तर बतर हो जाती है।
नमन हम करते है, जब-जब उनको,
तब उनका परिवार भी दिल में बस जाता है।

कैसे भूल जाए हम, उन लोगों को,
जो अपने लाडले को खोये है।
वे भी थे लाल, किसी माँ-बाप के,
थे वे भी अरमान, किसी पत्नी के।

देश का मान बढ़ा करके शहीद,
सबके दिल में बस जाते है।
श्रद्धा-सुमन समर्पित उनको,
हम नमन करके शीश झुकाते है।

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