मेरी गुड़िया बहुत है प्यारी,
गुपचुप - गुपचुप रहती है।
हँसती और मुस्कुराती है,
मन को बहुत लुभाती है।
नहीं कभी किसी से लड़ती,
गुड्डे को बहुत दुलराती है।
गुड्डा है पर बहुत शैतान,
हरदम गिटपिट करता है।
खूब सताता है , गुड़िया को,
फिर भी अकड़ कर रहता है।
मम्मी की जब पड़ती है डॉट,
तब डरता नहीं , हट जाता है।
फिर गुड़िया के पास ही जाकर,
झटपट गोद में छुप जाता है।
गुड़िया उसको माफ कर देती,
फिर गले लगाकर खेलती है।
माँ , ये प्यारा नजारा देखकर,
मुस्कुराती हुई हट जाती है।
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