बिल्ली मौसी (बाल कविता)


बिल्ली मौसी कहलाती है, 
वह मेरे घर आती है। 
म्याऊँ - म्याऊँ करती है, 
दूध मलाई खाती है।
चूहे को दौड़ाती है, 
बच्चों को डराती है। 
मम्मी उसे भगाती है, 
पर वह कहीं नहीं जाती है। 
अपने बच्चे को पुचकारती है, 
दुम दबाकर बैठती है। 
अपने बच्चों को दूध पिलाती है, 
फिर बच्चों संग सो जाती है। 
जैसे ही नींद खुलती है, 
दूसरे घर में घुस जाती है। 

    


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