अनुष्का अपने मम्मी-पापा के साथ छुट्टियाँ मनाने दादी के घर आई। रात में आकाश पर चंद्रमा को चमकते देखकर वह अति प्रसन्न हुई। वह आश्चर्यचकित होकर अपने भैया को पुकारती है,"भैया-भैया!देखो, जो चन्दा मामा हम लोगों के घर पर थे, वह यहाँ दादी के घर भी आ गये। क्या चन्दा मामा भी दादी के घर घूमने आये है ? वह हम लोगों का पीछा करते हुए तो नहीं यहाँ पँहुच गए।"

फुलकारी एक स्त्री के सम्पूर्ण जीवन के सभी पक्षों के उतार-चढ़ाव एवं रंगो को अपनी गोद में समेटे है | अत: ऐसी ही रंग-बिरंगी, फूलों से सजी अपनी वेबसाइट "फुलकारी" का मैंने सृजन किया | "फुलकारी" जीवन के विभिन्न रूपों के प्रति मेरे नजरिए, अनुभवों और दिल से उमड़-घुमड़ कर निकलने और बरसने वाले उद्गारों को व्यक्त करने का माध्यम है जिसे विभिन्न लेखों, व्यंगो, कविताओं, कहानिओं और चित्रों में ढ़ालने, सजानें और सँवारने का मेरा लघु प्रयास निरन्तर जारी रहेगा | आपके सहयोग के लिए धन्यवाद- रेणुका श्रीवास्तवा
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मेरे लिए प्रेरणा और विश्वास थी- मेरी माँ, जो मुझे छोड़कर, न जाने कहाँ चली गई। आदर्श आचरण बरसाने वाली, कोमल माँ, मुझे छोड़कर न ...
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